हरिमोहन सिंह ऐठानी: गणित के डर को दूर करने वाले प्रेरणादायक गणितज्ञ
गणित का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है, और विद्यार्थी इससे कतराने लगते हैं। पहले की तुलना में आज स्कूलों और कॉलेजों में गणित विषय चुनने वाले छात्रों की संख्या में कमी आ रही है। इसका कारण गणित के प्रति मनोवैज्ञानिक डर या ऐसा वातावरण है, जो गणित के प्रति उत्साह नहीं जगाता।
इस डर को खत्म करने के लिए उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट (ऐठान) के हरिमोहन सिंह ऐठानी, एक प्रख्यात गणितज्ञ, कई वर्षों से सोशल मीडिया के जरिए अपने स्वनिर्मित गणितीय रीजनिंग, ट्रिक्स और नवाचार साझा कर रहे हैं। ये तकनीकें विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं, जिन्हें सरल सूत्रों के माध्यम से कम समय में हल किया जा सकता है। हरिमोहन को डायट, जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और राज्य के स्कूलों में गणित विशेषज्ञ, रिसोर्स पर्सन या गणितज्ञ के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जहां वे अपने व्याख्यानों से छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। उनका मानना है कि गणित एकमात्र ऐसा विषय है, जो तार्किक क्षमता को बढ़ाता और बुद्धि का विकास करता है। आज के समय में गणित के बिना कोई कार्य आसान नहीं लगता। यह प्रकृति और जीवन के हर पहलू में किसी न किसी रूप में मौजूद है और प्राचीन काल से मानव जीवन का हिस्सा रहा है। गणित एक भरोसेमंद दोस्त है, जिससे डरने की जरूरत नहीं है।


हरिमोहन ऐठानी का जीवन परिचय
हरिमोहन ऐठानी, स्वर्गीय गुमान सिंह ऐठानी (पूर्व शिक्षक) के पुत्र, कपकोट, बागेश्वर (उत्तराखंड) के निवासी हैं। स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त हरिमोहन को गणित में गहरी रुचि है। वे नए गणितीय सूत्र और सिद्धांत खोजते हैं और कई सिद्धांतों को अपने अनूठे तरीके से सत्यापित कर चुके हैं। हाल ही में उनके दो अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओपन रिव्यू जर्नल प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने केवल 15 दिनों में संख्या सिद्धांत पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय गणितीय थ्यो feud. अब तक उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्थाओं से 40 से अधिक प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुके हैं। उनकी उपलब्धियां उत्तराखंड करेंट अफेयर्स में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नों का हिस्सा बन चुकी हैं। उनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्लब और इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्रेकर में दर्ज है।
मुख्य उपलब्धियां
- लिम्का बुक ऑफ नेशनल रिकॉर्ड
- लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- मैथ जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड
- यूनिवर्सल रिकॉर्ड फोरम
- असम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- एवरेस्ट बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- इनफिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- डायनेमिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- एक्सक्लूसिव बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- कलाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- कल्कि वर्ल्ड रिकॉर्ड
- प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड
- इंटरनेशनल आइकन अवार्ड
- इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड
- उत्तराखंड आइकन अवार्ड
- नेशनल जूरी अवार्ड
- इंडिया स्टार प्राउड अवार्ड
वर्ष 2009 में हरिमोहन ने बिना किसी गणना यंत्र के 450 चार्ट पेपर पर 48,000 मैजिक स्क्वायर लिखे, जिनका वजन 13 किलोग्राम था। इस उपलब्धि को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने प्रमाणित किया। ये सभी प्रमाण पत्र गणित के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हैं। एक पिछड़े क्षेत्र में रहकर, बिना किसी मार्गदर्शन या पीएचडी के, उन्होंने ये उपलब्धियां हासिल कीं। वे महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को अपना आदर्श मानते हैं।
युवाओं के लिए उनका संदेश
किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने या कुछ नया और अनूठा हासिल करने के लिए जिज्ञासा, इच्छाशक्ति, आत्मविश्वास, समर्पण, लगन, प्रेरणा और अनुशासन आवश्यक हैं। महान व्यक्तियों के जीवन, संघर्ष और उपलब्धियों से प्रेरणा ली जा सकती है। नैतिक मूल्य जीवन को बेहतर बनाने का प्रमुख आधार हैं।
