वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक विधेयक है, जिसका उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बेहतर करने के लिए लाया गया है। वक्फ एक इस्लामिक कानूनी अवधारणा है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धर्मार्थ या सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित करता है, और यह संपत्ति आमतौर पर मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों आदि के रखरखाव के लिए उपयोग की जाती है।
वक्फ संशोधन विधेयक के मुख्य बिंदु:
- पारदर्शिता और डिजिटलीकरण: वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में रखने और एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने का प्रस्ताव है ताकि उनकी निगरानी और प्रबंधन आसान हो।
- वक्फ बोर्ड में सुधार: वक्फ बोर्ड के गठन और कामकाज में बदलाव, जिसमें गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की संभावना और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात शामिल है।
- संपत्ति के दुरुपयोग पर रोक: वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे या दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम और निगरानी की व्यवस्था।
- विवाद निपटान: वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों को तेजी से हल करने के लिए बेहतर तंत्र स्थापित करना।
- सर्वे और पंजीकरण: सभी वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य सर्वे और पंजीकरण सुनिश्चित करना।
पृष्ठभूमि:
यह विधेयक पहली बार 2024 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया था ताकि इस पर विस्तृत चर्चा और सुझाव लिए जा सकें। अब अप्रैल 2025 में इसे फिर से लोकसभा में पेश किया जा रहा है। इस विधेयक को लेकर कुछ समुदायों और संगठनों ने आपत्ति जताई है, उनका कहना है कि यह वक्फ की स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर सकता है, जबकि सरकार का दावा है कि यह सुधार और पारदर्शिता के लिए जरूरी है।
संक्षेप में, वक्फ संशोधन विधेयक का लक्ष्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक, पारदर्शी और कुशल बनाना है।