वीना रेड्डी, जो यूएसएआईडी (USAID) इंडिया की मिशन डायरेक्टर हैं, से जुड़ी खबरें सुर्खियों में हैं। वीना रेड्डी, पहली भारतीय-अमेरिकी जो इस पद पर हैं, हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशाने पर आई हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा ने भारत में मतदान बढ़ाने के लिए कथित तौर पर यूएसएआईडी द्वारा दी गई फंडिंग पर सवाल उठाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा ने दावा किया है कि यूएसएआईडी ने भारत के चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की, और इस मामले में वीना रेड्डी की भूमिका पर संदेह जताया गया है।
20 फरवरी को, कई समाचार चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर छाई रही। टीवी9 भारतवर्ष ने लिखा, “भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए फंडिंग…कौन हैं USAID की वीना रेड्डी, जिनकी भूमिका पर उठे सवाल?” वहीं, नवभारत टाइम्स ने इसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक दावे से जोड़ा, जिसमें भारत के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की बात कही गई थी। भाजपा सांसदों ने वीना रेड्डी के यूएसएआईडी में काम और उनके भारत से संबंधों पर सवाल उठाए हैं।
वीना रेड्डी ने 2023 में यूएसएआईडी इंडिया की कमान संभाली थी और तब से वह स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, और लोकतंत्र जैसे क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं। हालांकि, अभी तक वीना रेड्डी या यूएसएआईडी की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह मामला राजनीतिक तनाव को दर्शाता है, और इसे लेकर आगे की जांच की मांग की जा रही है।