केसरी चैप्टर 2: एक अद्भुत कहानी
1919 का साल, अमृतसर का जलियांवाला बाग। एक शांतिपूर्ण सभा में हजारों निहत्थे लोग जमा थे, जो ब्रिटिश राज के खिलाफ रोलेट एक्ट का विरोध कर रहे थे। अचानक, जनरल डायर के आदेश पर गोलियां चलीं। सैकड़ों लोग मारे गए, हजारों घायल हुए। यह वह काला दिन था जिसने पूरे भारत को हिला दिया। लेकिन इस त्रासदी के बाद एक ऐसी कहानी शुरू हुई, जिसे दुनिया ने कम ही सुना—सी. शंकन नायर की कहानी, जिसे “केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग” में दर्शाया गया है।
फिल्म की कहानी शुरू होती है मुंबई के एक व्यस्त कोर्टरूम में, जहां मशहूर वकील सी. शंकन नायर (अक्षय कुमार) ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक ऐतिहासिक मुकदमे की तैयारी कर रहे हैं। शंकन नायर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और एक निडर वकील, जलियांवाला बाग नरसंहार की सच्चाई को दुनिया के सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके सामने है ब्रिटिश वकील नेविल मैककिनली (आर. माधवन), जो साम्राज्य की शक्ति और चालबाजी का प्रतीक है। दोनों के बीच कोर्टरूम में एक जबरदस्त टकराव होता है, जहां हर तर्क, हर सबूत एक युद्ध की तरह लड़ा जाता है।
कहानी में एक युवा और उत्साही लड़की, दिलरीत गिल (अनन्या पांडे) भी है, जो नायर की शिष्या है। वह न केवल नायर के साहस से प्रेरित है, बल्कि इस मुकदमे के जरिए अपने परिवार के खोए सम्मान को वापस पाने की उम्मीद रखती है। दिलरीत का किरदार कहानी में नई पीढ़ी की आशा और जोश का प्रतीक है, जो पुरानी परंपराओं और ब्रिटिश दमन के खिलाफ खड़ी होती है।
फिल्म का कथानक “द केस दैट शूक द एम्पायर” किताब पर आधारित है, जो शंकन नायर और माइकल ओ’डायर के बीच 1924 के मुकदमे को दर्शाती है। ओ’डायर, जो जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए जिम्मेदार था, ने नायर पर मानहानि का मुकदमा ठोका, लेकिन नायर ने इसे एक अवसर के रूप में लिया। उन्होंने कोर्ट में ब्रिटिश राज की क्रूरता को उजागर किया, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में स्वतंत्रता की लौ को और तेज कर दिया।
कहानी में कई मार्मिक क्षण हैं। एक दृश्य में, नायर कोर्ट में जलियांवाला बाग के पीड़ितों की तस्वीरें पेश करते हैं, और उनकी आवाज में दर्द के साथ-साथ साहस भी झलकता है। दूसरी ओर, मैककिनली की चालाकी और ब्रिटिश शासन की बेरहमी दर्शकों को गुस्सा दिलाती है। फिल्म का चरमोत्कर्ष तब आता है, जब नायर एक ऐसी सच्चाई सामने लाते हैं, जो ब्रिटिश साम्राज्य को हिलाकर रख देती है।
“केसरी चैप्टर 2” न केवल एक ऐतिहासिक ड्रामा है, बल्कि यह साहस, सच्चाई और न्याय की कहानी है। करण सिंह त्यागी का निर्देशन, अक्षय कुमार की दमदार अभिनय, आर. माधवन की सूक्ष्म खलनायकी, और अनन्या पांडे की ताजगी भरी मौजूदगी इस फिल्म को यादगार बनाती है। यह फिल्म 18 अप्रैल 2025 को रिलीज हुई, जो जलियांवाला बाग नरसंहार की 106वीं बरसी को चिह्नित करती है।
फिल्म का अंत एक प्रेरणादायक संदेश के साथ होता है: “कुछ लड़ाइयां हथियारों से नहीं, साहस और सच्चाई से जीती जाती हैं।” यह कहानी हर उस भारतीय के लिए है, जो अपने इतिहास को जानना और उससे प्रेरणा लेना चाहता है।
