किच्छा/रुद्रपुर। सहकारिता चुनाव में पूर्व विधायक राजेश शुक्ला की रणनीति और संगठनात्मक तालमेल ने एक बार फिर बड़ा असर दिखाया। किच्छा व रुद्रपुर क्षेत्र की सभी किसान सेवा सहकारी समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित पूरे पैनल निर्विरोध चुने गए। यह परिणाम क्षेत्र में किसानों के बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
समिति-वार चुनाव परिणाम
नारायणपुर किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड
अध्यक्ष – नरेंद्र ठुकराल
उपाध्यक्ष – पुष्पा पाठक
दक्षिणी किच्छा किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड
अध्यक्ष – मंजू रावत
उपाध्यक्ष – हंसराज अरोरा
पूर्वी किच्छा किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड, बरा
अध्यक्ष – अमरजीत कौर
उपाध्यक्ष – हरीश कुमार
शांतिपुरी किसान सेवा सहकारी समिति
अध्यक्ष – मोहन सिंह रावत
उपाध्यक्ष – राधिका देवी
पूर्वी रुद्रपुर किसान सेवा सहकारी समिति, बगवाड़ा
अध्यक्ष – जसवीर सिंह
उपाध्यक्ष – मनमोहन यादव
फौजी मतकोटा किसान सेवा सहकारी समिति
अध्यक्ष – ज्ञान सिंह चौहान
उपाध्यक्ष – सुमन धामा
सभी पदाधिकारी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए।
शुक्ला बोले—सहकारिता क्षेत्र में सुधारों का मिला लाभ
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे अभूतपूर्व सुधारों का सीधा लाभ किसानों तक पहुँचा है।
इसी कारण किसानों ने भाजपा समर्थित पैनल को पूर्ण समर्थन दिया और सभी समितियों में बिना विरोध के चुनाव संपन्न हुए।
उन्होंने कहा कि लोकसभा, नगर पालिका और पंचायत चुनावों की तरह सहकारिता चुनाव में भी जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है और यह जीत किसान हित व विकास के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
कांग्रेस पर निशाना
पूर्व विधायक ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि
“सहकारिता चुनाव में कांग्रेस कहीं दिखाई ही नहीं दी। किसानों ने कांग्रेस के दुष्प्रचार और भ्रांतियों को पूरी तरह नकार दिया है। निर्विरोध चुनाव इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।”
कार्यकर्ताओं में उत्साह
विजय के अवसर पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने नव-निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी।
उपस्थित प्रमुखों में मयंक तिवारी, संदीप अरोड़ा, मनमोहन सक्सेना, राजेश कोली, कृष्णा कान्हा तिवारी, राज गगनेजा, नारायण पाठक, नरेंद्र मणि त्रिपाठी, मधुलेश तिवारी, शशिकांत शर्मा, खेमकरण कश्यप, परविंदर सिंह, छत्रपाल कश्यप, नरेंद्र बागवानी, विजेंद्र यादव, गफ्फार खान, नरेंद्र गंगवार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
