रुद्रपुर। दीपों के इस पर्व पर जहाँ शहर की गलियाँ रोशनी से जगमगा रही थीं, वहीं ड्रीमर्स केयर फाउंडेशन की टीम ने दिवाली का त्योहार कुछ अलग और अनोखे अंदाज़ में मनाया। फाउंडेशन ने इस वर्ष अपनी खुशियाँ उन जरूरतमंद परिवारों के साथ साझा कीं, जिनके जीवन में शायद ही कभी उजाला पहुँचता है।
फाउंडेशन की संस्थापक ममता पांडे और दीपक पांडे ने बताया कि
“दिवाली सिर्फ सजावट और पटाखों का पर्व नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में रोशनी बाँटने का अवसर है। जब किसी जरूरतमंद के चेहरे पर मुस्कान आती है, तभी दिवाली का असली सुख मिलता है।”
इस विशेष अवसर पर फाउंडेशन की टीम देर रात रुद्रपुर की गलियों और झुग्गी बस्तियों में पहुँची और वहाँ मिठाई, कपड़े तथा राशन सामग्री वितरित की। छोटे बच्चों ने पहली बार दिवाली की मिठाई का स्वाद चखा, जबकि बुजुर्गों ने आशीर्वाद और दुआओं से टीम का स्वागत किया।
इस सेवा अभियान में हरीश पांडे, सोनाली पांडे, प्रज्वल पांडे, यश पांडे और परिधि पांडे भी शामिल रहे। सभी ने मिलकर जरूरतमंदों तक खुशियाँ पहुँचाने का संकल्प निभाया।


टीम की सदस्य और उत्तराखंड की एक्ट्रेस सोनाली पांडे ने कहा,
“जब बच्चों की आँखों में चमक देखी, तो लगा हमारी छोटी-सी कोशिश ने किसी के जीवन में सच्चा उजाला भर दिया। यही दिवाली का अर्थ है।”
फाउंडेशन के डायरेक्टर हरीश पांडे ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल सामग्री वितरित करना नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देना था कि
“खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं। दिवाली मानवता, प्रेम और एकता का प्रतीक है।”
वहीं प्रज्वल पांडे ने कहा,
“हम चाहते हैं कि हर व्यक्ति समझे कि दिवाली सिर्फ अपने घर की नहीं, बल्कि दूसरों के दिलों में भी रोशनी भरने का पर्व है।”
टीम की सदस्य परिधि पांडे ने कहा,
“दिवाली की असली चमक पटाखों में नहीं, किसी की मुस्कान में होती है। जब हम दूसरों के जीवन में रोशनी भरते हैं, तभी इंसानियत की दिवाली होती है।”
रात के अंत में फाउंडेशन की पूरी टीम ने दीप जलाकर यह संकल्प लिया कि वे आगे भी समाज सेवा के ऐसे कार्य जारी रखेंगे, ताकि भारत की हर गली और हर दिल में सच्चे उजाले की किरण पहुँच सके।
