सिरौली कला/किच्छा – सिरौली कला को नगर पालिका का दर्जा देने को लेकर राजनीति गरमा गई है। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी को मुस्लिम समाज के विकास की नहीं, बल्कि सिर्फ उनके वोटों की चिंता है।
वार्ड 18 के चार बीघा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस बार-बार सिरौली कला को नगर पालिका बनाए जाने का विरोध कर रही है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “अगर कांग्रेस को ये फैसला गलत लगता है, तो वे जनता के सामने आकर खुली बहस करें और बताएं कि इससे किसका नुकसान हो रहा है?”
पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सिरौली कला को नगर पालिका का दर्जा देना एक दूरदर्शी निर्णय है, जिससे स्थानीय लोगों को प्रशासनिक, आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं का सीधा लाभ मिलेगा। शुक्ला ने याद दिलाया कि 2017 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटर कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, जो आज तक पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि 2022 के चुनावों में कांग्रेस ने केवल दिखावटी वादे किए और जीतते ही लोगों से मुंह मोड़ लिया। उन्होंने कहा, “जब मैंने विधायक रहते सिरौली कला को किच्छा नगर पालिका में शामिल किया, तब कांग्रेस ने जानबूझकर क्षेत्र की उपेक्षा की। बाद में मैंने इसे नगर पंचायत बनवाया, लेकिन कांग्रेस ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। अब जब इसे स्वतंत्र नगर पालिका बनाया गया है, तो फिर से कोर्ट का रास्ता अपनाया गया। इससे साफ है कि कांग्रेस सिरौली कला की तरक्की नहीं चाहती।”
हाजी लईक, कार्यक्रम संयोजक ने कहा कि राजेश शुक्ला ने क्षेत्र में नहर कवरिंग और सड़क निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य स्वीकृत कराए, जिनमें से कई पर काम जारी है। अगर वे विधायक होते तो आज यह कार्य पूरे हो चुके होते।
पूर्व जिला अध्यक्ष गफ्फार खान ने भी माना कि 2022 में कुछ मुस्लिम वोटर गुमराह हुए थे। उन्होंने कहा, “हमें बताया गया कि शुक्ला जी मुस्लिम विरोधी हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने हमेशा सबके लिए काम किया, चाहे वोट मिले या नहीं।”
पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा महामंत्री सैयद इकराम मियां ने कहा कि शुक्ला के कार्यकाल में एम्स, डिग्री कॉलेज, एसडीएम कोर्ट, बिजली विभाग, बस अड्डा जैसे बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए। हार के बावजूद नगर पालिका का तोहफा देना उनके जनसेवक होने का प्रमाण है।
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